मछुआरों और मत्स्य कृषकों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी)
वर्ष 2018-19 में, भारत सरकार ने मत्स्य कृषकों और मछुआरों को उनकी कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता प्रदान करने हेतु किसान
क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की सुविधा प्रदान की। भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 फरवरी 2019 के अपने परिपत्र FIDD.CO.FSD.BC.12/05.05.010/2018-19, के
माध्यम से मात्स्यिकी हेतु केसीसी जारी करने हेतु दिशानिर्देश जारी किए, जिन्हें बाद में दिनांक 18 मई 2022 के संशोधित परिपत्र द्वारा निम्नानुसार संशोधित किया
गया।
पात्र मत्स्य किसान
अंतर्देशीय मात्स्यिकी और जलकृषि: मछुआरे, मत्स्य किसान (व्यक्तिगत और समूह/भागीदार/बटाईदार/किराएदार किसान), स्वयं सहायता समूह, संयुक्त देयता
समूह और महिला समूह। लाभार्थियों के पास मात्स्यिकी से संबंधित कोई भी संपत्ति, जैसे तालाब, टैंक, खुले जल निकाय, रेसवे, हैचरी, रेयरिंग यूनिट, नावें, जाल और
अन्य फिशिंग गियर, जैसा भी मामला हो, का स्वामित्व या पट्टा होना चाहिए और उनके पास संबंधित राज्यों में मात्स्यिकी और मत्स्यन से संबंधित गतिविधियों और किसी
भी अन्य राज्य-विशिष्ट मात्स्यिकी और संबद्ध गतिविधियों के लिए लागू आवश्यक प्राधिकरण/प्रमाणन होना चाहिए।
मरीन फिशरीज: लाभार्थी, जो पंजीकृत मत्स्यन जलयान/नाव के मालिक हैं या पट्टे पर हैं, उनके पास मुहाना और समुद्र में मत्स्यन, मुहाना और खुले समुद्र में फिश
फैंनिंग/ मेरीकल्चर गतिविधियों और किसी भी अन्य राज्य विशिष्ट मात्स्यिकी और संबद्ध गतिविधियों के लिए आवश्यक फिशिंग लाइसेंस/अनुमति है।
इस योजना के तहत, किसानों को 7% की रियायती ब्याज दर पर केसीसी ऋण मिलता है। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए, भारत सरकार द्वारा वित्तीय संस्थानों को
1.5% की अग्रिम ब्याज सहायता (आईएस) प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त, जो किसान समय पर अपने ऋण चुकाते हैं, उन्हें 3% शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (PRI)
मिलता है, जिससे ब्याज दर प्रभावी रूप से घटकर 4% प्रति वर्ष हो जाती है। आईएस और पीआरआई का लाभ 3 लाख रुपए तक की ऋण सीमा के लिए उपलब्ध है।
हालाँकि, यदि अल्पकालिक ऋण संबद्ध गतिविधियों (क्रॉप हसबैंडरी के अलावा, जैसे मात्स्यिकी और पशुपालन) के लिए लिया जाता है, तो ऋण राशि केवल 2 लाख
रुपए तक सीमित है। केसीसी मात्स्यिकी के लिए कोलैटरल फ्री लोन सीमा 01.01.2025 से 1.60 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.00 लाख रुपए कर दी गई है (भारतीय रिजर्व
बैंक के दिनांक 06.12.2024 के परिपत्र के अनुसार)।
वर्तमान स्थिति :
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक देश है और वैश्विक उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी 9.64 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान कुल मत्स्य उत्पादन
17.54 मिलियन मीट्रिक टन अनुमानित है, जिसमें अंतर्देशीय क्षेत्र से 13.11 मिलियन मीट्रिक टन और समुद्री क्षेत्र से 4.43 मिलियन मीट्रिक टन का योगदान है। विगत
पाँच वर्षों में मात्स्यिकी क्षेत्र की वार्षिक औसत वृद्धि दर 6.7% रही है। भारत जलकृषि के माध्यम से मत्स्य का एक प्रमुख उत्पादक भी है और चीन के बाद दुनिया में
दूसरे स्थान पर है। अंतर्देशीय मत्स्य उत्पादन देश के कुल मत्स्य उत्पादन का लगभग 75 प्रतिशत है।
17.01.2025 तक केसीसी जारी करने की कुल प्रगति (स्रोत-डीएफएस)
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मात्स्यिकी केसीसी आवेदनों की कुल संख्या |
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प्राप्त |
स्वीकृत |
कुल लंबित |
स्वीकृत राशि |
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6,44,529 |
4,50,799 |
18,337 |
2898.00 करोड़ रुपए |










