प्रधान मंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना
परिचय
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के अंतर्गत एक केंद्रीय
क्षेत्र की उप-योजना, प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना (पीएम-एमकेएसएसवाई) को वित्त वर्ष 2023-24 से
वित्त वर्ष 2026-27 तक चार वर्षों की अवधि के लिए मंज़ूरी दे दी। पीएम-एमकेएसएसवाई को सभी राज्यों और केंद्र
शासित प्रदेशों में 6000 करोड़ रुपए के अनुमानित परिव्यय के साथ लागू किया जाएगा। पीएम-एमकेएसएसवाई
का उद्देश्य दीर्घकालिक रूप से मात्स्यिकी क्षेत्र के परिवर्तन को सहायता देने हेतु संस्थागत सुधार लाने हेतु
पहचाने गए वित्तीय और तकनीकी हस्तक्षेप के माध्यम से इस क्षेत्र की अंतर्निहित कमज़ोरियों को दूर करना है।
उद्देश्य और लक्ष्य
1) बेहतर सेवा वितरण के लिए राष्ट्रीय मात्स्यिकी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म (एनएफडीपी) के अंतर्गत कार्य-आधारित
डिजिटल पहचान के निर्माण द्वारा असंगठित मात्स्यिकी क्षेत्र का क्रमिक औपचारिकीकरण।
2) मत्स्य किसानों, मछुआरों और सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को कार्यशील पूँजी सहित संस्थागत वित्त तक बेहतर पहुँच
प्रदान करना।
3) जलकृषि बीमा खरीदने के लिए जलकृषकों को एक फसल चक्र के लिए 'एकमुश्त प्रोत्साहन' प्रदान करना।
4) मात्स्यिकी क्षेत्र की वैल्यू-चैन दक्षता में सुधार हेतु, जिसमें रोज़गार सृजन और रखरखाव शामिल है, कार्य
निष्पादन अनुदान के माध्यम से मात्स्यिकी और जलकृषि सूक्ष्म उद्यमों को प्रोत्साहित करना।
5) मत्स्य और मात्स्यिकी उत्पाद सुरक्षा एवं गुणवत्ता आश्वासन प्रणालियों को अपनाने और विस्तार करने हेतु,
जिसमें रोज़गार सृजन और रखरखाव शामिल है, कार्य निष्पादन अनुदान के माध्यम से मात्स्यिकी और जलकृषि
सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को प्रोत्साहित करना।
6) फिशरीज़ वैल्यू चैन का एकीकरण और समेकन।
लक्षित लाभार्थी
1) मत्स्य किसान, मत्स्य श्रमिक, मत्स्य विक्रेता जो प्रत्यक्ष रूप से फिशरीज़ वैल्यू चैन में शामिल हैं।
2) मात्स्यिकी और जलीय कृषि सूक्ष्म और लघु उद्यम जैसे स्वामित्व वाली फर्में, साझेदारी फर्में और भारत में
पंजीकृत कंपनियां।
3) समितियां, सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी), सहकारी समितियां, महासंघ, ग्राम स्तरीय संगठन जैसे स्वयं
सहायता समूह (एसएचजी), मत्स्य किसान उत्पादक संगठन (एफएफपीओ) और मात्स्यिकी और जलीय कृषि
वैल्यू चैन में लगे स्टार्टअप।
4) एफएफपीओ में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) भी शामिल हैं।
5) कोई अन्य लाभार्थी जिन्हें मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार द्वारा लक्षित लाभार्थियों के रूप में शामिल किया जा
सकता है।










